हनुमान बेनीवाल के बयान पर करणी सेना का पलटवार, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दिया मुंहतोड़ जवाब देने का ऐलान

नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा राजस्थान के राजा-रजवाड़ों को लेकर किए गए विवादित बयान से करणी सेना भड़क उठी है। बेनीवाल ने कहा था कि राजस्थान के ज्यादातर राजाओं ने मुगलों से लड़ाई नहीं लड़ी, बल्कि युद्ध क्षेत्र से पहले ही अपनी बेटियों को समर्पित कर समझौता कर लिया। इस बयान को करणी सेना ने उनके पूर्वजों पर अभद्र टिप्पणी बताया है और वे सांसद को सख्त जवाब देने की तैयारी में हैं।

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करणी सेना की कड़ी प्रतिक्रिया

करणी सेना के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने बेनीवाल के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते ऐसे बयान देना स्वीकार्य नहीं है। शेखावत ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर करणी सेना के जवानों को सतर्क रहने का आदेश दिया है और जल्द ही बेनीवाल को जोरदार जवाब देने की बात कही है। उन्होंने अपनी बात की शुरुआत \’जय क्षात्र धर्म, वीर भोग्या वसुंधरा और धर्मो रक्षति रक्षितः\’ जैसे नारे से की।

जल्द ही राजस्थान सांसद हनुमान बेनीवाल को आक्रामक जवाब दिया जाएगा। तारीख, समय और स्थल घोषित किया जाएगा। सभी करणी सैनिक तैयार रहें।
जय क्षात्र धर्म। @aajtak @ABPNews @BBCHindi @ZeeNews @news24tvchannel @VtvGujarati @GSTV_NEWS @News18Guj @zeerajasthan_ @ANI @sandeshnewspic.twitter.com/JLCjusCbiv

— Dr Raj Shekhawat (@IAMRAJSHEKHAWAT) May 17, 2025

जवाब देने की तैयारी में करणी सेना

डॉ. राज शेखावत ने सोशल मीडिया पर बताया कि वे जल्द ही एक तारीख, समय और स्थान घोषित करेंगे जहां सांसद हनुमान बेनीवाल को करणी सेना की ओर से कड़ा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने करणी सैनिकों को भी पूरी तैयारी रखने को कहा है।

हनुमान बेनीवाल ने क्या कहा था?

एक मीडिया हाउस से बातचीत में हनुमान बेनीवाल ने कहा था कि राजस्थान के इतिहास में केवल एक-दो राजा मुगलों से लड़ाई में शामिल हुए। उन्होंने महाराज सूरजमल और कुछ अन्य को छोड़कर बाकी राजाओं के लड़ाई से बचने की बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि ज्यादातर राजाओं ने समझौता किया और युद्ध के बजाय अपनी बेटियों को मुगलों के हवाले कर दिया। बेनीवाल ने कहा, \”राजा 70 किलोमीटर पहले ही युद्ध से भाग जाते थे और मुगलों को बेटियां दे देते थे।\” उन्होंने लोगों से राजस्थान के इतिहास को ठीक से पढ़ने की सलाह दी और यह भी कहा कि महाभारत हरियाणा में हुआ था, राजस्थान में नहीं।

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